यूरिक एसिड ,गाउट | URIC ASID, GOUT

URIC ASID, GOUT by आशुतोष उपाध्याय - AASHUTOSH UPADHYAYडॉ० स्कन्द शुक्ल - DR. SKAND SHUKLAपुस्तक समूह - Pustak Samuh

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

आशुतोष उपाध्याय - Aashutosh Upadhyay

No Information available about आशुतोष उपाध्याय - Aashutosh Upadhyay

Add Infomation AboutAashutosh Upadhyay

डॉ० स्कन्द शुक्ल - DR. SKAND SHUKLA

No Information available about डॉ० स्कन्द शुक्ल - DR. SKAND SHUKLA

Add Infomation AboutDR. SKAND SHUKLA

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बायोकेमिस्ट्री अब याद नहीं रही. इसलिए वे प्रोटीन-परहेज़ की माल्रा फेर रहे हैं और तुम्हें भी फेरने को कह रहे हैं. जब चिकित्सा लेने व देने वाले दोनों ही पढ़ाई- लिंखाई में कमज़ोर होंगे, तो ऐसी ही आरान्तियाँ तो पैदा होंगी न! साधो, गाउट नामक गठिया-रोग शरीर में यूरिक एसिंड के अधिक पैदा होने से अथवा पेशाब में कम निकाले जाने से उत्पन्न होता है. ज़्यादा विस्तार में नहीं जाऊँगा, लेकिन इतना तो जानो ही कि इस रोग का मुख्य लक्षण किसी ख़ास जोड़ में (विशेषकर पैर के अँगूठे, टखने अथवा घुटने में) भयंकर दर्द व सूजन है. सूजन भी ऐसी कि जोड़ के ऊपर की खाल लाल नज़र आने लगती है. गाउट नामक इस गठिया का दर्द कोई ऐसा-वैसा दर्द नहीं है. मेडिकल पाठ्यपुस्तकों में सबसे भीषण दर्दों- प्रसवपीड़ा, हृदयाघात और दाँत-दर्द के साथ गाउट का नाम आता है. अब तुम समझ सकते हो कि मैं किस शिद्दत के दर्द की बात यहाँ कर रहा हूँ. साधो, गाउट का उपचार तुम्हें नहीं बताऊँगा, नहीं तो तुम नीम-हक़ीमी करने लगोगे. लेकिन कुछ करणीय-अकरणीय बातों से अवश्य अवगत कराऊँगा. गाउट में पानी का 2-3 लीटर सेवन लाभप्रद रहता है. यह पानी जो तुम पीते हो न, पेशाब बनकर यूरिक एसिड के उत्सर्जन में मदद करता है. मांस और मदिरा से यथासम्भव दूर रहो. ये दोनों वस्तुएँ शरीर में यूरिंक एसिंड की मात्रा बढ़ाती हैं. और हाँ! फैंटा-पेप्सी-कोका कोला को भी नमस्ते कर लो, इनसे भी यह बढ़ता है. दाल और दूध छोड़ने की बात मत करो, उन्हें खाते रहो. प्रोटीन का ढंग से सेवन ज़रूरी है, सभी के लिए. (कोई गुर्दा-रोगी हो, तो बात अलग है!) नींबू/सन्तरा/ मौसमी/आँवला खाओ, इनमें मौजूद विटामिन सी यूरिक एसिड की मात्रा नीचे रखने में सहायक है. और फिर सबसे महत्त्वपूर्ण बात, साधो- अपने तोंद छाँटो! मोटे लोगों का तो यूरिक एसिड बढ़ा हुआ आएगा ही, यह तो एक वैज्ञानिक सत्य है! मक्कारी-कामचोरी बन्द करो, कसरत करो, पसीना बहाओ! और अन्त में! अपने डॉक्टर साहब से ऊपर लिखी सभी बातों पर चर्चा करो, मगर ख़ुद बिना डिग्री के डॉक्टर न बनो. जिस मेडिकल साइंस को समझने में हमें पन्द्रह साल भी कम जान पड़े, उसे हम तुम्हें एक फेसबुकिया लेख में नहीं समझा सकते. लेकिन यूरिक एसिड प्रोटीन खाने से नहीं बनता, यह एक जैवरासायनिक सत्य है. इसे जानो, मानो और अपने डॉक्टर साहब को याद दिलाओ.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now