मदर टेरेज़ा | MOTHER TERESA

Book Image : मदर टेरेज़ा  - MOTHER TERESA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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झुग्गी-झोपड़ियों में परियां एक दिन मदर टेरेसा कलकत्ते की एक झोपड़-पट्टी में घूम रही थीं. तभी उन्हें एक कचरे के ढेर में एक महिला पड़ी हुई दिखी. वो महिला मर रही थी. उसकी हालत बहुत खराब थी. मदर टेरेसा ने उस महिला को उठाया. वो उसे अस्पताल ले गई. क्‍योंकि वो मरने की हालत थी इसलिए अस्पताल वालों ने उसे दाखिल नहीं किया. पर मदर टेरेसा ने कहा कि जब तक वो उस बीमार महिला को दाखिल नहीं करेंगे तब तक वो वहां से नहीं जाएगी. अंत में मदर टेरेसा की जीत हुई. इस घटना के बाद शहर के अफसरों ने मदर टेरेसा को एक इमारत दे दी, जिसे वो बहुत सख्त बीमार मरीजों के लिए उपयोग कर सकती थीं. मदर टेरेसा ने उसका नाम रखा “निर्मत्र ढृदय” उसका मतलब है नेक- दिल




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