पुनर्जीवन | PUNARJEEVAN

PUNARJEEVAN by पुस्तक समूह - Pustak Samuhलियो टॉलस्टॉय -LEO TOLSTOYशीतला सहाय - SHEETALA SAHAY

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लियो टॉलस्टॉय -Leo Tolstoy

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शीतला सहाय - SHEETALA SAHAY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दूसरा अध्याय ९ शादी करनेके लिए तैयार न हुई । उसने यह सोचा कि बह लोग जो उसके साथ शादी करना चाहते हैं मजदूर हैं। उनके साथ जीवन-यात्रा बड़ी कठिन होगी | आरामकी जिंन्दगीने उसके ऊपर यह बुरा प्रभाव डाछ दिया था | ' सोलह वर्षकी उम्रतक वह उसी तरह रही | इन बृद्ध महिलओं- का भतीजा, जो अमीर नवयुवक राजकुमार था और यूनिवर्सिटीमें पढ़ता था, एक दफा अपनी फूफ़ओंके साथ रहनेके लिए आया और कटूशा उसपर मोहित हो गयी, यद्यपि वह यह बात अपनी आत्माके सामने स्वीकार करनेकी भी हिम्मत नहीं करती थी । दो बर्षके बाद यही भतीजा अपनी रेजिमेंटमें जानेके पहले अपनी फूफूफी यहाँ चार दिनके लिए आया ओर ठहरनेकी अन्तिम रातमें उसमे कहूशाकों बर्गला लिया | कट्टशाकों एक सौ रुबल देकर वह चढां गया | पाँच म्हीनेके बाद कट्शाकों निश्चय हो गया कि वह गर्भवती है। अत तो इसे दर एक चीजसे अनमनता हों गयी। उसे अब इसी बातकी चिस्ता रहती थी कि किस तरहसे आनेवाली लज्ञास्पद घटनासे इष्जत बचाथयी जाय | अब हन महिद्यओंकी सेवामें भी इसका मन नहीं छगता था, और हर काममें छापरवाही किया करती थी। एक्क दफा तो ऐसा हुआ कि इसने इन महिरायओंके साथ रुखाईका भी बर्ताव किया, थंश्वपि बाद- को उसे इसका' पश्च्चाताप भी हुआ | अन्तमें इसने बहाँसे छुट्टी ले छी और महिलाओंने इसको चले जानेकी इजाजत दे दी, क्योंकि वे उससे ' बहुत असन्तुष्ट हो गयी थीं | यहाँसे निकलकर इसने एक पुछिरा अफ- सरके घरमें नौकरनीका काम कर छिया | लेकिन वहाँ सिर्फ तीन ही महीने रह सकी क्योंकि पुलिस अपसरने, जिसकी उम्र पचास बर्षक्री थी, इसकी पहले ही दिनसे छेड़ना शुरू किया । एक दफा इस पुछिस अफसरने विशेष रूपसे आवेशर्म आकर कट्टशाकों धुरी तरह छेड़ा जिस- पर कद्शा बिगड़ गयी और शैतान और बेवकूफ कद्दकर उसे इतने जोश्का घकका दे दिया कि वह गिर पड़ा | इस गुस्ताखीके लिए यह




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