दो हाथ | DO HAATH

DO HAATH  by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaइस्मत चुगताई - ISMAT CHUGTAI

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

इस्मत चुगताई - Ismat Chugtai

No Information available about इस्मत चुगताई - Ismat Chugtai

Add Infomation AboutIsmat Chugtai

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
# था ब तू खुद ही हिसाब लगा ले ।! जब ... क्‍या लगाऊँ सरकार !! अरे बेवकूफ | यह हुआ कैसे ?' अब जे मैं क्‍या जानूँ, सरकार । भगवान की देन है ।' “भगवान की देन ! तेरा सर ... यह लड़का तेरा नहीं हो सकता ।' तो अब का करूँ सरकार... गोरी को मैंने बड़ी मार दी,” वह गुस्से से बिफरकर बोला ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now