टॉम काका की कुटिया | UNCLE TOM'S CABIN
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
555
श्रेणी :
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महावीर प्रसाद द्विवेदी - Mahavir Prasad Dwivedi
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला परिच्छेद । ११
हेली ने टाम को ख़रीदने का प्रस्ताव किया और शेल्वी साहब का उसे
सानना पड़ा । पर इलाइज। के पुत्र को बेचने न बेचने का अभी
तक कुछ निश्चय न हुआ था । इलाइजा जब हेरी की खोज में शेल्वी
साहव के कमरे में घुसने लगी तभी उसके कान में भनक पड़ गई
कि हेली उसके लड़के का ख़रीदना चाहता है | इस पर उसने बाहर
आह में खड़ी होकर उन लोगों की सारी वाते' सुनने का विचार किया
था। पर शेल्वी साहब की मेम ने उसे किसी दूसरे काम से पुकार
लिया । इससे उसे तुरन्त वहाँ से हट जाना पड़ा । अपनी सनन््तान
की बिक्री की वात सुन कर वह वेतरह धबड़ा गई थी । उसकी छाती
धड़कने लगी । उसके होश हवास ठिकाने न रहे । शेल्तरी साहब की
मेम ने उसे लाने का कहा कपड़ा, उसने लाकर रख दिया एक गिल्नास
पानी । कहा पानी को, उठा लाई बेतल। इससे मेम ने उकता कर स्नेह-
भरे वाक्यों से उसे डाट कर कहा, 'अरी इलाइजा, आज तुझे हो
क्या गया है ९?
इस पर इलाइजा सिसकने लगी। शेल्वी साहब की मेम ने फिर
पूछा, “बेटी, तुझे क्या हो! गया ९? इलाइजा अधिक रोने लगी | -
थोड़ी देर .घाद वोली, “माँ, वावा के पास एक दास-व्यव-
सायी आया है ! मैंने उनकी बाते' सुनी हैं--”” शेल्वी साहब की
मेम बोली, “बस, तू ऐसी ही है ! दास-व्यवसायी आया है, आने दे,
फिर हुआ क्या ९?”
इस पर इलाइजा घबड़ा कर सिसकती हुई बोली, “माँ, वावा क्या
मेरे हेरी को बेच डालेंगे १?
मिसेज्ञ शेल्वी स्नेहभरे वचनें से वाली, “अरी, तू ते पागल हो
गई है। कीन वेंचता है तेरे हेरी को ? तू नहीं जानती कि तेरे बाबा
दक्तिण-प्रदेश के निर्दयी लोगों के हाथ दास-दासी नहीं बेंचा करते। वह
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