कमजोर की मजबूती | KAMJOR KI MAJBOOTI

KAMJOR KI MAJBOOTI by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaश्री राज किशोर - Shree Raj Kishor

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श्री राज किशोर - Shree Raj Kishor

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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8/29/2016 अफसर की त्यौरी चढ़ने लगी। उसे लगा कि उसका कीमती समय बरबाद किया जा रहा है। उसने थोड़ी कड़क आवाज में कहा - तो यहाँ क्यों आए हो? पुलिस के पास जाओ। रिपोर्ट लिखाओ। यह समाज कल्याण विभाग है? आदमी बोला - मैं समझता था कि समाज कल्याण में सब कुछ आ जाता है। अफसर - आता होगा, पर एक आदमी किस-किसका कल्याण कर सकता है। इसीलिए अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग विभाग बनाए गये हैं। आदमी - पर मेरा कल्याण तो आप कर ही सकते हैं। मुझे एक सर्टिफिकेट चाहिए कि मैं गरीब हूँ | किसी गजटेड ऑफिसर से लिखवा कर नहीं ले गया, तो सरपंच मेरा बीपीएल कार्ड छीन लेगा। कहता है, ऊपर से ऑर्डर आया है - गरीबों की संख्या कम करो। अब अफसर गंभीर हो गया। उसे सिखाया गया था कि किसी को लिख कर कुछ न देना, बाद में फँसने का डर है। अफसर ने पूछा - लेकिन बात क्या है? तुम गरीब हो, तो तुम्हारा बीपीएल कार्ड तुमसे कौन छीन सकता है? आदमी - सर, हुआ यह कि पिछले महीने मेरी घरवाली मर गई। इस महीने बकरी ने तीन बच्चे दिये हैं। सरपंच का कहना है, तुम अब गरीब नहीं रहे। एक तो तुम्हारे परिवार की सदस्य संख्या कम हो गई, जिससे बाकी बचे लोगों की प्रतिव्यक्ति आमदनी बढ़ गई। दूसरे, सरकारी रिकार्ड के मुताबिक पहले तुम्हारे पास एक मवेशी था, अब चार हो गए। गरीबी मापने के लिए सरकार ने जो मानक तैयार किये हैं, उनके आधार पर तुम अब गरीब नहीं रहे। बीपीएल कार्ड सरेंडर कर दो, नहीं तो पुलिस में तुम्हारे खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखानी होगी। अफसर सोच में पड़ गया। थोड़ी देर तक विचार करने के बाद बोला - देखो, लिख कर तो मैं कुछ नहीं दे सकता। मेरे पास इसका पॉवर नहीं है। पर रास्ता बता सकता हूँ। एक महीने के भीतर दूसरी शादी कर लो और बकरी के बच्चे किसी को दान कर दो। तब तुम्हारा कार्ड तुमसे कोई नहीं ले पाएगा। अब सोच में पड़ने की बारी आदमी की थी। इसके बाद क्या हुआ, मुझे मालूम नहीं, पर इतना जानता हूँ कि इस बातचीत के दौरान अफसर ने एक बार भी उस अधेड़ आदमी को कुरसी पर बैठने के लिए नहीं कहा था, जिसकी उम्र उस अफसर से कम से कम पंद्रह साल ज्यादा थी। शीर्ष पर जाएँ 2/2




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