गोलू के मामा | GOLU KE MAMA

GOLU KE MAMA by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaरमेशचन्द्र शाह - RAMESHCHANDRA SHAAH

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रमेशचन्द्र शाह - RAMESHCHANDRA SHAAH

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्८ ॥ गोल के मामा ॥ गोलू के मामा आये सब देख रहे मंह बाये। ठे उनका है गब्बारा था किसने उन्हें पुकारा, नारंगी उनको भाये गोलू के माषा आये। वे प्रव से हैं आते गोल से गाष लडाते होले से उसे सुला कर फिर पच्छिम को उड़ जाते । सच वात अगर मैं बोल तो पोल पुरानी खोल सूरज का फटा पजामा सिलते गोल के मामा।




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