जीवाश्म खोजने वली लडकी | MARY ANNING - JEEVASHM KHOJNE VALI LADKI

MARY ANNING - JEEVASHM KHOJNE VALI LADKI by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaकैथरीन केव - KATHYRN CAVE

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1810 में इंग्लैंड में मैरी ऐनिंग और उसका भाई जो ऐनिंग, लाइम रेगिस की पहाड़ियों में कछ खोज रहे थे कछ अनठे पत्थरों की तलाश कर रहे थे जिसे वो अपने पिता की दुकान में बेंच सकें. अचानक उन्हें पहाड़ी पर एक अजीब सिर के आकर का पत्थर दिखाई दिया. वो प्राणी क्‍या था उसका उन्हें कोई अंदाज़ नहीं था. क्‍या वो जिराफ़ हो सकता था? या गोरिल्ला? या फिर एक मगरमच्छ? किसी को उसके बारे में कछ नहीं पता था. पर मैरी सच्चाई जानने को बेहद उत्सक थी -चाहें उसके लिए उसे अपनी जान को जोखिम में क्‍यों न डालना पड़े! इस किताब में बड़े खबसरत चित्रों में, मैरी ऐनिंग जैसी छोटी लड़की दवारा एक परे डायनासोर की खोज को दर्शाया गया है. मैरी ऐनिंग की इस खोज ने वैज्ञानिक जगत में भी एक बड़ी हलचल मचाई




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