बिज्जू और जादुई पंखा | BIJJU AUR JADUI PANKHA

BIJJU AUR JADUI PANKHA by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaइंदु भूषण अरोड़ा - INDU BHUSHAN ARORA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| न | 3 मल पा कम कक का 13 जंबी जल्दी ही बिज्जू की नाक छत के पार पहच गयी बिज्जू खराटे लेता रहा. पर उसकी नाक लंबी होती गयी. फिर बढ़ते-बढ़ते नाक बादलों तक पहँच गयी और फिर बादलों के पार चली गयी




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