माई - ली | MEI-LI - CHEENI LOK KATHA

MEI-LI - CHEENI LOK KATHA by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaथॉमस - THOMAS

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वहां लोग रिक्शा पर, उटों पर इधर-उधर जा रहे थे. महिलाएं कांच की बग्गियों में घूम रही थीं. मर्द, छोटी मंगोत्र घोड़ियों पर सवारी कर रहे थे. और लड़के-लड़कियां गधों पर सवार थे. सभी लोग अपने सबसे अच्छे कपड़े पहने थे और सभी लोग नए साल के मेले का मज़ा लेने के लिए जा रहे थे. माहौल बिल्कुत्र वैसा ही उत्साहजनक था जैसा अंकल वांग ने बताया था.




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