निकोला टेस्ला की अनोखी दास्ताँ | NIKOLA TESLA KA JEEVAN

Book Image : निकोला टेस्ला की अनोखी दास्ताँ  - NIKOLA TESLA KA JEEVAN

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आशुतोष उपाध्याय - Aashutosh Upadhyay

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उनकी जमा-पूंजी कब की खत्म हो चुकी थी. टेसला ने अपने आखिरी वर्ष एक जगह से दूसरी जगह भटकते हुए गुज़ारे. आखिरकार वे न्यूयॉर्क के एक होटल में रहने लगे जिसका किराया वेस्टिंगहाउस चुकाया करता था. वे अक्सर नज़दीकी पार्क में अकेले टहलते हुए दिखाई देते थे जहां वे कबूतरों को दाना खिलाते थे. कबूतरों से उन्हें बड़ा लगाव था. 7 जनवरी 1943 को 86 वर्ष की उम्र में होटल की एक परिचारिका ने सुबह-सुबह उन्हें कमरे में मरा हुआ पाया. 01 100 [08 | 0 ॥॥॥8 ॥॥ 118 ॥00 98९ (88931 80 |[#शशा0ता, हिलात 1 एचुठड रा, है 518टॉएट्स| फएड317सत परत |, पहडक]॥, हिै5, ॥व्रन्शकतताइहा हो [58 1 हड18 ६०011, 16 41 0611671 क्ातछः 5५4 ाउच्॒०छतेंड कं काफिशः लॉहहएीट्डओ (6 ए 103. 018 (का, 71811 [71 1115 ह50111₹6 ६; हलह सहाह! छाल अत, महू (7658 (% र्तकाल छाओहटाडइड, तह 188 किल्ह्ल 5 1156 अीहाओओी 166 फैेंए टेसस्‍ला का नाम आज भी अक्सर सुनाई देता है. बेलग्रेड हवाईअड्डे का नामकरण उन्हीं पर किया गया है. इसी तरह दुनिया की सबसे मशहूर विद्युत्‌ चालित कार भी. एमआरआई स्कैनर की क्षमता को टेस्ला इकाई में नापा जाता है. सच कहें तो टेस्‍्ला असल जीवन में पौराणिक ग्रीन योद्धा प्रोमथीउस जैसे थे, जिसने मानव जाति के लिए आग के इंतजाम की खातिर स्वर्ग पर धावा बोला था और सज़ा के बतौर उसे एक चट्टान से बाँध दिया गया जहां हर रोज एक चील उसका कलेजा नोचने आती थी. टेस्ला ने भी धरती पर उजाला लाने के लिए आसमान जितनी ऊचाइयां चढ़ीं, लेकिन अपनी दुर्लभ मनोवृत्ति और असामान्य आदतों के कारण अंततः उनका पराभव हुआ और कौड़ी-कौड़ी के मोहताज होकर एकाकीपन में वह इस दुनिया से विदा हुए. (अनुवाद: आशुतोष उपाध्याय) ७171111507191 118282116 से साभार




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