मीर मूर का सोच ही कुछ अलग था ! | MIS MOORE KA SOCH HEE KUCH ALAG THA
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
42
श्रेणी :
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एनी ने बहुत मेहनत और लगन से पढाई
की. लाइब्रेरी स्कूल से डिग्री हासिल करने के
बाद उसे प्रेट फ्री लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन की
नौकरी मिली. तब कुछ लाइडब्रेरीज ने, बच्चों को
अन्दर आने की इज़ाज़त दे दी थी. पर एनी की
लाइब्रेरी उन सबसे कई कदम आगे थी - उसमें
बच्चों के लिए अलग से एक विशेष, नया
कमरा बनाया गया था. यानि वहां बच्चों के
लिए एक ख़ास लाइब्रेरी कमरा था. वहां बच्चे
खुद शेल्फ से किताबें चुन सकते थे. और शाम
के वक्त एनी बच्चों को खुद कहानियां पढ़कर
सुनाती थी - बिलकुल वैसे ही, जैसे उसके पिता
उसे कहानियां सुनाते थे.
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