इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिये - सितम्बर 2018 | ELECTRONIKI AAPKE LIYE - SEP 2018
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
57
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)2 रा 8 ५ बज
्ाख्त््गण आऋऊध€्याय कऊ ८बए
डॉ. होमी
नीोसेरवान जी
ठ्नीं
शुकदेव प्रसाद
हि ५ ९; 1
समकालीन विज्ञान लेखकों में
शुकदेव प्रसाद का नाम अग्र
पंक्ति में शुमार है । वे पिछले
वार दशकों से विज्ञान लेखन
कर रहे हैं । देश विदेश में वे
अपने विज्ञान लेखन के लिए
उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान
प्रदान किये गये हैं / सोवियत
थ्रगि नेहरू पुरस्कार से
सम्मानित वे एक यात्र भारतीय
विज्ञान लेखक हैं /कई विज्ञान
किताबों की रचना के साथ ही
उन्होंने विज्ञान ग्रंथों और
संचयन का संपादन किया है ।
शुकदेवग्रसाद इलाहाबाद में
रहते हैं ।
|
जज न ड़ ०
«०७४४० +एबवला उपलेस
भारतीय वैज्ञानिकों ने 18 मई, 1974 को राजस्थान के पोखरण क्षेत्र में प्रातः 8
बजकर 5 मिनट पर सफल भूमिगत परमाणु भारतीय परमाणु परीक्षण सम्पन्न किया। इस
सफल परमाणु परीक्षण की जानकारी तत्कालीन परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. होमी
सेठना ने इंदिरा गांधी को दूरभाष पर दी। “बुद्ध मुस्कराये (8५001 आ॥॥७५) और इस
तरह “ऑपरेशन डिजर्ट बुद्ध” पूर्णतः सफल रहा जो बुद्ध पूर्णिमा के दिया आयोजित किया
गया था।
भारत के इस प्रथम भूमिगत परीक्षण से देश के परमाणु-युग के प्रणेता डॉ. होमी
जहांगीर भाभा, उनके बाद परमाणु अनुसंधानों की बागडोर संभालने वाले विज्ञानी डॉ.
साराभाई और भूतपूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के सपने साकार हुए। इस सफल
परमाणु परीक्षण के द्वारा भारत ने विश्व के पाँच शक्ति राष्ट्रों के परमाणु एकाधिकार को
समाप्त करके विश्व में अपना कीर्तिमान स्थापित किया।
इस विशिष्ट तथा गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए हमारे भारतीय वैज्ञानिक विशेषकर
भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. एच.एन .सेठना एवं भाभा परमाणु
अनुसंधान केन्द्र ट्रांबे, के निदेशक डॉ. राजा रामण्णा, जिनके कुशल निर्देशन में भारत का
प्रथम भूमिगत परमाणु परीक्षण सफल रहा, अविस्मरणीय हैं ।
भारत ने 1963 के आंशिक परीक्षण निषेध संधि' (7119। 1851 81 116819-
187) पर हस्ताक्षर किया था जिसके अंतर्गत वायुमंडल या जल में नाभिकीय परीक्षण
विस्फोट निषिछ्ध है अतः भारत ने संधि का अनुपालन करते हुए जमीन के भीतर
(अंतःविस्फोट) परीक्षण किया। भारत ने 1970 के “ नाभिकीय अप्रसार निषेध संधि” (४७॥
[1०/७0/४1०7 11981/-५17) पर हस्ताक्षर नहीं किया था क्योंकि इस सिलसिले में भारत ने
अन्य विकासशील देशों के साथ यह आपत्ति उठायी थी कि महाशक्तियां नाभिकीय
अनुसंधान के क्षेत्र में एकाधिकार जमाए रखकर विकासशील राष्ट्रों को विज्ञान के इस
महत्त्वपूर्ण क्षेत्र से वंचित रखना चाहती हैं | अतः भारत ने अपने वायदे के मुताबिक भूमिगत
परमाणु परीक्षण किया क्योंकि समझौते में भूमिगत परीक्षण के लिए मनाही नहीं थी।
इस संबंध में डॉ. एच.एन.सेठना ने कहा था कि भारत पहला देश है जिसने
अपना प्रथम परमाणु विस्फोट भूमिगत किया है । हमने ऐसा इसलिए किया कि हम यह नहीं
चाहते थे कि परिस्थितियों में बाधा पड़े तथा रेडियो विकिरणशीलता में और वृद्धि हो ।'
इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए ०17 ०सितम्बर 2018
User Reviews
No Reviews | Add Yours...