डॉक्टर मेयो : दो भाइयों की कहानी | DR. MAYO - DO BHAIYON KI KAHANI

DR. MAYO - DO BHAIYON KI KAHANI by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaजॉनसन - JOHNSON

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जब तक मिसेज़ मेयो अन्य डॉक्टर्स को लाईं तब तक सारी तैयारी हो चुकी थी. सब चीज़ें बिल्कुल वैसी साफ़-सुथरी थीं जैसी डॉ. मेयो को पसंद थीं. “ज़रा देखो,” टू-साइड ने कहा. “तुम्हारे पिता ने जो सीखा था वो उन्हें याद है. इन्फेक्शन न हो, उसके लिए उन्होंने सभी सावधानियां बरती हैं “अगर उनके टीचर्स ने उन्हें यह सब नहीं सिखाया होता तो कितना बुरा होता,” विल ने कहा. “अगर लोग अपना ज्ञान दूसरों के साथ न बाॉटें तो बड़ी तबाही होगी.” “हमें सब चीज़ें शुरू से सीखनी होंगी,” चार्ली ने कहा. ऑपरेशन ख़त्म होने के बाद डॉ. मेयो ने लोहार से कहा, “तुम्हारी पत्नी बिल्कुल ठीक हो जाएगी.” श्े का पं 5 े २4 6 ॥॥1॥1111111/ | 5 न बह पका लग मा जब दोनों लड़कों ने लोहार को खश देखा तब उन्होंने निश्चय किया कि वे भी बड़े होकर डॉक्टर बनेंगे और पिताजी जैसे ही, ज़रूरतमंद लोगों की मदद करेंगे. “तुम दोनों डॉक्टर्स बन सकते हो,” मिसेज़ मेयो ने लड़कों से कहा. “तुम दोनों अच्छे डॉक्टर्स बन सकते हो. तुम लोगों को और उनकी भावनाओं को जितनी गहराई से समझोगे, तुम उतने ही अच्छे डॉक्टर बनोगे.” “मुझे ख़ुशी है की तुम चार्ल्स डिकेन्स की कहानियां पढ़ते हो डॉ. मेयो ने विल से कहा. “डिकेन्स लोगों के बारे में और उनकी भावनाओं के बारे में बहुत गहराई से जानते हैं




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