धुएं भरी रात | DHUYEN BHARI RAAT

Book Image : धुएं भरी रात  - DHUYEN BHARI RAAT

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ईव -Eve

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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फिर मुझे माँ ने झकझोर कर जगाया. जल्दी, डेनियल! उठो!!” धुएं की ज़बरदस्त बदबू आ रही थी. कोई हमारे दरवाज़े को ज़ोरों से खटखटा रहा था. “आग! आग!” अचानक मेरी नींद खुली. “जस्मीन कहाँ गई? मैंने इल्मारी खोल कर देखी, क्यूंकि कभी-कभी जस्मीन वहां कपड़ों में सो जाती थी. माँ मुझ पर चिल्लाईं. “हम इंतज़ार नहीं कर सकते. जस्मीन भाग गई होगी. जल्दी से अपने जूते पहनों. जल्दी करो!” हम दौड़कर सीढ़ियाँ उतरे. हमारे साथ और काफी लोग भी थे. धुएं से मुझे खांसी आई. मिस्टर रामिरेज़ हमारे आगे थीं, वो लिस्सा और छोटी बेबी को पकड़े थीं. दोनों चिल्ला रहीं थीं. “ये लोग गुंडे और बदमाश हैं,” वो चिल्लाये. “पक्के गुंडे!” मिसेज़ रामिरेज़, अपने पति के आगे थीं. उनके हाथ में पिंजरा था, जिसमें उनका तोता लोको था. लोको भी जोर-जोर से चीख रहा था. “क्या आपने जस्मीन को देखा, मिस्टर रामिरेज़?” मैंने उनसे पूछा. उन्होंने अपना सर हिलाया. लगता है उन्हें मेरा सवाल ही सुनाई नहीं दिया. “देखो रेलिंग मत पकड़ो,” उन्होंने मुझे सावधान करते हुए कहा, “वो गरम है.” पि




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