डेस्मंड टूटू | DESMOND TUTU

DESMOND TUTU by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaकैरोल -KAROL

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1957 में सरकार ने कहा कि अश्वेत बच्चों को गोरे बच्चों जैसी शिक्षा नहीं दी जा सकती थी. अश्वेत बच्चों को “बन्टू शिक्षा” मिलनी चाहिए. बहुत से शिक्षकों को यह निर्णय गलत लगा. उन्होंने विरोध में अपनी नॉकरियां छोड़ दीं. डेस्मंड टूटू उनमें से एक थे. फिर डेस्मंड की ज़िन्दगी बदली. अब उन्होंने एंग्लिकन चर्च में पादरी बनने की पढ़ाई शुरू की. 1961 वे पादरी बने. शुरू में फादर टूटू ने दक्षिण अफ्रीका के एक चर्च में काम किया. फिर 1962 वो अपने परिवार के साथ इंग्लैंड चले गए. वहां उन्होंने किंग्स कॉलेज, लन्‍्दन में पढ़ाई की और कई चर्चों में काम किया. 1967 में टूटू परिवार दक्षिण अफ्रीका वापिस लौटा. वहां पर फादर टूटू ने, फ़ेडड़ल थीओलॉजिकल्र सेमिनरी में पढ़ाया. उसके बाद उन्होंने लेसोथो की नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाया.




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