लड़ाई से लगाव | ADDICTED TO WAR

ADDICTED TO WAR by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaजोइल एन्द्रेज़ - JOEL ANDREZ

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“हम सैनिकों को दूर-देशों प्रथम महायुद्ध है द्वितीय महायुद्ध में लाखों युवा अमरीकी में सुंदर आदर्शों के लिए मरने का मकसद जर्मन फासीवाद और जापानी भेजते थे। उन्हें कोई यह नहीं ' था, “बाकी हनी में पूर्जीपतियों बँ ओऔपनिवेशिकवाद से लड़ने के लिए सेना दर कर आर क कमाने हो सरे युद्धों को में भर्ती हुए। परंतु वाशिंगटन में बैठे उस्ताद लिए उन्हें मारने और मरने के योजनाकारों का उद्देश्य काफी कुटिल था। लिए भेजा गया था।' खत्म करना उनकी इच्छा खुद का है न का साम्राज्य स्थापित करने बटलर (15०... 1934 ) 5 न्न्य्ा 2 ्््र अक्टूबर 1940 में जब जर्मनी और जापान की सेनाएं यूरोप और एशिया में प्रवेश कर रही थीं तब अमरीकी सरकार ने अपने उच्च अफसरों, नौकरशाहों, व्यापारियों, अमरीकी सैनिक पूंजीपतियों और बैंकर्स द्वारा अमरीकी रणनीति निर्धारित करने के लिए एक मीटिंग और आर्थिक प्रभुत्व बुलाई। वो अमरीकी प्रभुत्व के दायरे को बरकरार रखने के इच्छुक थे। इसमें ब्रिटिश को कायम रखने के साम्रज्यवाद के पश्चिम अर्धगोल के कुछ देश भी शामिल थे। मीटिंग में निर्णय लिया लिए एक संपूर्ण गया कि अमरीका को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए और .. योजना तैयार करनी चाहिए।!' गा 3५35५ अगर युद्ध का उद्देश्य महज अमरीकी औपनिवेशिकवाद तक सीमित रखा गया तो उसमें दुनिया के लोगों की बहुत कम रुचि होगी। इसलिए अन्य लोगों के हितों पर अधिक जोर दिया जाए। प्रचार-प्रसार की नजर से इसका बहुत अच्छा प्रभाव होगा। को आम पब्लिक से छुपाकर रखा (29)




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