अशोक | ASHOK
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
307
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
डी० आर० भंडारकर - D. R. BHANDARKAR
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय १
अशोक क्षीर उसका क्ारम्भिक जीवन
भारत मे शायद ही कोई शिक्षित व्यक्ति ऐसा हों जिसने भ्रशोक
ओर उसके शिलालेखो का नाम न सुना हो । हर कोई जानता है
कि अशोक एक मौर्य वश का नरेण, और चन्द्रगुप्त का पोता था।
ग्रीक लेखकों ने चन्द्रगुप्त को सेड्रेकोट्टोस नाम से याद किया है और
वह कुछ समय तक सिकन्दर महान् का समकालीन था। यह भी सब'
को पता है कि इस नरेश के शिलालेख भारत भर मे पाये जाते हैं ।
पर सभव है कि यह बात सबको न मालूम हो कि उन शिलालेखो पर
बया लिखा है और उनसे उस मौर्य राजा का क्या विवरण प्राप्त
होता है | कुछ ऐसे बौद्ध ग्रन्थ भ्रवश्य हैं जिनमे उसके जीवन और
कार्य का वृत्तान्त मिलता है, पर उनकी विश्वसनीयता पर सन्देह
किया गया है, जो उचित ही है | उनमे बहुत सी कथाएँ दी गयी हैं
जिनमे उसे पहले कालाशोक, श्रर्थात् काले अशोक, के रूप मे, और
उसके बौद्ध हो जाने के बाद धर्माशोक, ग्र्थात् पवित्र श्रशोक, के रूप मे
चित्रित किया गया है। क्योकि इन ग्रन्थो का एक ध्येय बौद्ध धर्मे
को प्रशसा करना है और उसके लिए वे यह बताते हैं कि बौद्ध धर्म
ने श्रशोक को किस तरह दानव से देवता बना दिया, इसलिए उनके
विवरण की सत्यता के वारे में स्वभावतः मन मे सन्देह पैदा हो जाता
है । पर उसके शिलालेखीय स्मारको के बारे मे यह बात नही है--+
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