चलो खतरे को वरदान बनायें | CHALO KHATRE KO VARDAN BANAYEN

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कमला भसीन - KAMALA BHASIN

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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बिंदिया थापर - BINDIA THAPAR

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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. आओऔ अब रुचआईवी,सड्स का विस्तार दैखें को (53/0७0 उसका दिन दुना रात चौंगुना हीता सकल आकार दैखे ७ दुनिया के 3 करौड़ लोगौं मैं रुचआईवी पहुँच चुका हैं और ये लौंग मौत का सामना कर रहै है । आज रीज़ाना 8000 नये लौगौं मैं यह निषाणु ध्लायरस)चर कर रहा ढै यानि हर क्षण नये शिकार नये बीमार ./ ७५1० (वर्ल्ड हैल्थ और्गनाईज़ैदन )का अन्दाज़ा हैं कि रुचआईवी' अगर डसी तरह फैलता रहा तौ नर्ष 2000 तक 4 करौड़ लौग इस के चंगुल मैं होंठो । ७ भारत मैं |997 मैं 77541 ग्यक्तियौं मैं सचआईवी हौने की जानकारी थी। ७जिन्हें रड़स हैं उन मैं 89% सुसे है जिनकी उम्र 15 से 4+ वर्ष के जीच है , जो यौनिक रुप से सक्रिय हैं व जी आर्थिक उत्पादन में लठी हुस हैं। ....यै आँकड़े सिर्फ उनके बरि मैं हैं जिन का पता हैं । क्या पता कितनी का अभी नहीं पता..... ये “वा, जिले दहलाने जाती है पर... #*.. . मकसद नहीं हैं. पु कहें डराना. पल हम चाहते है तुम्हें चैताना ,आस जगाना: हैँ




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