चूहेखानी बिल्ली | CHOOHEKHANI BILLI

CHOOHEKHANI BILLI by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaमार्सिया - MARCIA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जब बिल्ली जहाज़ पर सैर कर रही थी तब बावर्चिन घर में डिक की पिटाई लगा रही थी. बावर्चिन ने बिल्ली को विदेश भेजने पर डिक का इतना मज़ाक बनाया और उसकी इतनी पिटाई की कि बिचारे डिक ने घर छोड़कर भागने की योजना बनाई. फिर एक दिन अपना थोड़ा बहत सामान लेकर वो घर छोड़कर निकला. वो कछ का और उसके बाद एक पत्थर पर आराम करने के लिए बैठा. वो किस दिशा ही में जाए वो इस बारे में सोच ही रहा था कि चर्च की घ॑ जोर-जोर से बजने लगीं. डिंग-डोंग! डिंग- डोंग!




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