जोनास साल्क | JONAS SALK - POLIO VACCINE KE AVISHKARAK
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
21
श्रेणी :
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एक महत्वपर्ण
ऐतिहासिक
पायनियर
रैंडी कर्र को
फील्ड टायल
डॉ. जोनास साल्क
(बाए) पहली बार
पोलियो पायनियर
रंडी कर्र से
77 अप्रेंल 1980
को मिल्रे
जोनास सालक कोई डींग नहीं मार रहे थे. 1952 में
57,000 अमरीकी पोलियो से ग्रस्त थे. 1953 और 1954
की गर्मियों में, पोलियो-वायरस वैक्सीन के उपयोग से
पहले, दोनों साल 38,000 लोगों को पोलियो हआ. 1957
में, पोलियो-वायरस वैक्सीन के उपयोग के सिफ तीन साल
बाद यह संख्या घटकर मात्र 6,000 रह गई. उसके बाद
सिर्फ एक पीढी में अमरीका में पोलियो की बीमारी को
उखाड़ फेंका गया. आज पोलियो लगभग गायब है. विश्व
स्वस्थ्य संगठन के अनसार जल्द ही पोलियो से परी
दुनिया को मुक्त किया जाएगा
उसके बाद डॉ. जोनस साल्क एक अमरीकी हीरो बन
गए. कई लोगों को लगा कि वे मेडिसिन में नोबल परुस्कार
जीतेंगे. पर ऐसा नहीं हआ. प्रेसिडेंट आइजनहावर ने साल्क
परिवार को वाइट हाउस में आमंत्रित किया और उन्हें
कांग्रेशनत् मेडत्र ऑफ़ हानर प्रदान किया. उन्हें कई
यनिवर्सिटीज ने डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की और उन्हें
हजारों अमरीकी बच्चों ने पत्र लिखे. स्कलों ने अपना नाम
जोनस सालक पर रखा. पचास के दशक में तमाम लड़कों
का नाम जोनस रखा गया
सालक ने अपनी वैक्सीन के लिए कभी कछ पैसे नहीं
लिए. जब किसी ने पछा कि उस वैक्सीन का कौन मालिक
था तो उन्होंने लिखा, “लोग ही इसके मालिक हैं. इस
वैक्सीन का कोई पेटेंट नहीं है. क्या आप सरज को पेटेंट
कर सकते हैं? साल्क का मतलब था कि जेसे सरज
सबका है वैसे ही वो वैक्सीन भी सबके भले के लिए थी
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