पॉपकॉर्न चोर | POPCORN CHOR
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
63
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
एलेग्जेंडर एम० स्मिथ - ALEXANDER M. SMITH
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खाने पडेंगे। इस विचार ने उसे एकदम झकझोर
दिया। महीनों तक नाश्ते में कद्दू, दोपहर और रात
के खाने में कद्दू! ओर स्कूल में भी कददू के
सेंडविच!
“9-2२
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वह पलंग से उठी और अपनी खिड़की के
पास गई। बाहर घुप्प अँधेरा था और उसे अपनी
खिडकी के बाहर लगे पेड़ भी काले साये जैसे
दिखाई पडे। उसने खेतों के उस पार हरमियोन के
घर की ओर नज़र डाली। क्या उसकी मित्र अभी
भी जगी होगी? उसने सोचा। क्या वह भी इस
समस्या का कोई हल ढूँढ रही होगी?
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लूसी ने अपनी टार्च निकाली और दुबारा
खिड॒की पर वापस आई। उसके बाद उसने अपनी
टार्च द्वारा अँधेरे में अपना संदेश भेजा।
“क्या तुम अभी भी जग रही हो?” उसने पूछा।
कुछ क्षणों तक कुछ भी नहीं हुआ ओर लूसी
ने सोचा कि शायद हरमियोन सो गई होगी। परंतु
तभी अँधेरे में एक यर्च की चमक दिखाई दी।
“हाँ। में बस लेटे-लेटे सोच रही थी। में
कप्तान फ़ोस्टर के बारे में बहुत चिंतित हँ। मुझे
उन समुद्री डाकुओं के बारे में सोच कर इतना डर
लग रहा है कि मेरी नींद ही ग़ायब हो गई है।”
“में भी,” लूसी ने जवाब दिया, “हम उनकी
मदद् के लिए कुछ-न-कुछ तो कर ही सकते हैं।”
फ्लेश, फ्लैश-फ्लेश, डबल फ़्लेश, फ्लैश,
फ्लैश--हरमियौन ने अपना संदेश भेजा। उसका
मतलब था : “काश, कि हम कप्तान के साथ जा
सकें। तब कप्तान जहाज़ चला सकते हैं ओर हम
लोग समुद्री डाकुओं पर निगाह रख सकते हें।”
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