मुक्तिदाता | MUKTIDATA

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फादर कामिल बुल्के - FATHER CAMIL BULCE

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२-प्रभु येसु का जन्म [-ह उसी प्रान्त में चरवाहे मेंदानों में जागरण करके रात्रि के पहरों के अनुसार अपने भुंड की रखवाली कर रहे थे। और प्रभू का एक दूत उनके पास आ खड़ा हुआ ; ईश्वर की महिम्ता उनके चारों ओर चमक उठी और वे अत्यधिक डर से डर गए। स्वर्गंदृूत ने उनसे कहा: डरो मत, क्योंकि देखो, में तुम्हें महान्‌ आनन्द का सुसमाचार सुनाता हँ जो समस्त जाति के लिए होगा: आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक मुक्तिदाता, खीस्त प्रभु, जन्मा है। और तुम्हारे लिए यह चिह्न होगा: तुम एक बालक को कपड़ों में लपेटा और चरनी में लेटा पाओगे।” एकाएक स्वगंदूत के साथ स्वर्गीय सेना का समूह दिखाई दिया और ईदवर का स्तुतिगान यों करने रूगा: “ सर्वोच्च में ईश्वर की महिमा प्रकाशित हो और पृथ्वी पर उन लोगों को शान्ति मिले जिनसे ईइवर प्रसन्न है। फिर जब स्वगेंदूत उनको छोड़कर स्वर्ग सिधारे थे, चरवाहे एक दूसरे से कहने छगे: “ चलो, हम बेथलेहेम को चलें और इस सारी घटना को देख लें जिसे प्रभू ने हमपर प्रकट किया है।” वे शीघ्र ही गए और वहाँ उन्होंने मरिया, योसेफ तथा चरनी में रखे हुए बारकूक को पाया। और यह देखकर उन्होंने वह बात, जो उनसे इस बालक के विषय में कही गई थी, प्रकट की। और सभी सुननेवाले चरवाहों की बातों पर चकित हुए। लेकिन मरिया ने इन सब बातों को अपने हृदय में रखकर उनपर विचार करती रही। और चरवाहे जेसा उनसे कहा गया था, वैसा ही सारा हाल सुन और देखकर ईरवर की स्तुति और महिमा गाते हुए छौट गए। बालक के ख़तने के लिए जब आठ दिन पूरे प्रभु येसु का खतना हुए तब उनका नाम येसु रखा गया, जो नाम गर्भ में आने के पहले ही स्वरगंदूत के द्वारा दिया गया था। मूसा के नियमानुसार जब शुद्धीकरण के दिन प्रभ॒ येसु का पूरे हुए तब वे बालक को प्रभु को अपित मंदिर में चढ़ाया जाना करने येरुसलेम ले गए, जैसा प्रभु के नियम - में लिखा है: हर पहलौठा बेटा प्रभू को अपित किया जाए; और इस मतलब से भी कि वे पंडकों का एक जोड़ा या कबूतर के दो बच्चे बलिदान में चढ़ाएँ, जैसा प्रभू के नियम में लिखा है। १५ ८ श्द




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