थकावट | THAKAVAT

THAKAVAT by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaगुरबचन सिंह भुल्लर - GURBACHAN SINGH BHULLAR

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गुरबचन सिंह भुल्लर - GURBACHAN SINGH BHULLAR

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आसो का भाई जग्गर सिंह उस के पास रहने लगा । लेकिन उसे भी अपने गाँव वापिस जाना था। उसने आसो को सलाह दी, 'खेती का सामान बेच दे, ज़मीन बटाई पर दे दे ।' तब एक दिन गुरदेव को खाना खिलाते हुए आसो ने सोचा, 'गुरदेव बड़ा होगा। खेती का काम खुद करेगा । तब सारा सामान फिर से जुटाना पड़ेगा ।




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