मीठे का शौकीन मुचकुंद | MUCHKUND AND HIS SWEET TOOTH

Book Image : मीठे का शौकीन मुचकुंद  - MUCHKUND AND HIS SWEET TOOTH

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

माधव गाडगिल - MADHAV GADGIL

No Information available about माधव गाडगिल - MADHAV GADGIL

Add Infomation AboutMADHAV GADGIL

माया रामास्वामी - MAYA RAMASWAMI

No Information available about माया रामास्वामी - MAYA RAMASWAMI

Add Infomation AboutMAYA RAMASWAMI

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बड़े यत्न के बाद जाम्बवन ने सभी को मना ही लिया। उसने समझाया कि समय बदल चुका है। ऊँचे पेड़ और मधुमक्खियों के छत्ते नष्ट होते जा रहे हैं और इसलिए थोड़ा संयम रखना अच्छा ही होगा। पर सबसे ज़्यादा उधम मचाने वाले भालू, वाली ने अंत तक अपना तर्क जारी रखा और कहा, “आपको जो अच्छा लगे, कीजिये। मधुमक्खियों के छत्ते पर झपटना एक भालू का स्वाभाविक कार्य है और मैं उसे कभी भी नहीं छोड़ूँगा।'




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now