कहानी माप तोल की | KAHANI MAAP TOL KI

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बलदेव राज दावर - Baldev Raj Davar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क्यों कहते हैं? इसलिए, कि मिली का मतलब होता है हजारवां हिस्सा | एक सेंटीमीटर का दसवां हिस्सा, एक मीटर का हजारवां हिस्सा ही तो होगा। अरजन ने कहा, कल तुम ने पूछा था, नोट की मोटाई कितनी होती है। तुम ने कहा था कि अगर मैं ठीकठीक बताऊंगा तो मुझे इनाम मिलेगा और तीनों नोट मेरे हो जाएंगे। लाओ उनमें से एक नोट। देखें कि एक नोट की मोटाई कितनी होती है। द्रोपी ने अपनी जेब से दो रुपये का नोट निकाल कर अरजन के हाथ में थमा दिया। अरजन ने नोट की मोटाई को फीते के उस भाग पर रखा जहां मिलीमीटर के निशान थे। फिर उसने ध्यान से फीते को देखा। उसे बड़ी निराशा हुई। फिर वह हंसने लगा। अरे इस नोट की मोटाई तो एक मिलीमीटर से भी कम है। इस नोट की मोटाई तो न के बराबर है। द्रोपी ने कहा, इस नोट की मोटाई एक मिलीमीटर से बहुत कम है, पर वह न के बराबर नहीं। इस नोट की मोटाई कुछ न कछ तो जरूर है। अरजन ने कहा, हां, है तो सही। द्रोपी ने कहा, अगर है तो कितनी है इस फीते से माप कर बताओ । अरजन सिर खुजलाने लगा। एकाएक अरजन को एक ख्याल आया। वह उछल पडा। बोला, बताऊं? द्रोपी ने कहा, हां बताओ। अरजन ने कहा, सुनो। एक बार मैं ने दो दो के नोटों की एक गड्डी देखी थी। देखी क्या थी, पाई थी। यानी वह मुझे पगार में मिली थी। वह नोट बिल्कुल नए थे। एक एक नोट कड़क था। नए नोटों की वह गड्डी मैं ने संभाल कर रख दी। उसे मैंने खर्च नहीं किया। वह गड्डी अभी भी मेरे पास है। मैंने उसे ट्रंक में संभाल कर रखा हुआ है। कहो तो दिखाऊं? द्रोपी भी उछल पड़ी। उस ने कहा, हां दिखाओ। कनानी माप-तोल की 11




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