चिड़िया का गीत | SONG OF THE BIRD

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एंथनी डी मेलो - Anthony de Mello

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तुम क्‍या कह रहे हो? मास्टर अपना विवेक शिष्य को हृदय में अंकित करता है, पुस्तक को पन्नों पर नहीं। इस विवेक को शिष्य अपने हृदय में तीस-चालीस साल तक, किसी सुपात्र के मिलने तक संजोकर रखता है। जेन की यही परम्परा थी। जुन मास्टर मू-नान ने एक दिन अपने शिष्य शोजू को बुलाया और उससे कहा, “शोजू अब में बूढ़ा हो चला हू, ओर मेरे बाद वुम ही इस शिक्षा को आगे बढ़ाना। देखो यह वो पुस्तक हे जो सात पीढ़ियों से एक मास्टर से दूसरे मास्टर के हाथ में सोंपी गई है। मैंने भी इसमें कुछ दर्ज किया हे जो तुम्हारे लिए मूल्यवान होगा। लो, पुस्तक सम्भालो। यह इस बात का प्रतीक है कि तुम मेरे उत्तराधिकारी हो।” “आप यह पोथी अपने पास ही रखें, ” शोजू ने कहा। “मैंने बिना लिखित शब्दों से आपसे जेन सीखा था, ओर में उसे वेसे ही रहने देना चाहता हूं।” “मुझे पता है, पता है, ” मू-नान ने शांति से कहा। “देखो, इस पोथी ने सात पीढ़ियों का साथ दिया है ओर यह शायद तुम्हारी भी सहायता करे। इसलिए इसे तुम अपने पास रखो।” सर्दी का दिन था और दोनों अलाव के पास बातचीत कर रहे थे। जैसे ही शोजू को हाथ में पुस्तक आई उसने उसे आग में झोंक दिया। उसे लिखित शब्दों की कोई जरूरत नहीं थी। मू-नान, जो कभी गुस्सा नहीं करते थे, चिल्लाए, “तुम पागल हो गए हो)! बुमने यह क्या किया?” शोजू भी जवाब में चिल्लाया, “आप खुद पागल हो गए हैं! आप यह क्या कह रहे हैं?” शैतान और उसका दोस्त शैतान अपने दोस्त के साथ टहलने गया। उन्होंने अपने सामने एक व्यक्ति को नीचे झुककर जमीन से कुछ उठाते हुए देखा। “उस आदमी को क्‍या मिला?” दोस्त ने पूछा। “सत्य का एक टुकड़ा,” शैतान ने कहा। “क्या उससे तुम्हें परेशानी नहीं हुई,” दोस्त ने पूछा। “नहीं,” शैतान ने कहा, “मैं, उसे उस सत्य से, एक धार्मिक आस्था का निर्माण करने दूंगा।” धार्मिक आस्था मार्ग-पट्टी (साईन-पोस्ट) जैसे सत्य की ओर इंगित करती हे। मार्ग-पट्टी को पकड़े रहकर तुम सत्य की ओर नहीं बढ़ पाते हो और तुम्हें लगता हे कि तुमने सत्य प्राप्त कर लिया हो।




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