यौन,यौन संचरित रोग और एड्स | YAUN SANCHARIT ROG AUR AIDS
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
डॉ० आर० एस० मिश्र -DR. R. S. MISHRA,
पुस्तक समूह - Pustak Samuh,
श्यामसुंदर शर्मा - Shyamsundar Sharma
पुस्तक समूह - Pustak Samuh,
श्यामसुंदर शर्मा - Shyamsundar Sharma
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39 MB
कुल पष्ठ :
189
श्रेणी :
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डॉ० आर० एस० मिश्र -DR. R. S. MISHRA
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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श्यामसुंदर शर्मा - Shyamsundar Sharma
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)2 यौन, यौन संचरित रोग और एड्स
भी, कम नहीं हुई | यौन संचरित रोगों पर नियंत्रण, रोग के लक्षणों के इलाज
के साथ ही समाप्त नहीं हो जाता | उसमें उपचार के बाद रोगियों के यौन संबंधों
में सुधार तथा समाज में इन रोगों से संबंधित यौन और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान
करना भी शामिल है। जिन स्थानों पर इन रोगों पर पूरी तरह काबू पाने में
सफलता नहीं मिली है उनमें से अधिकांश में उक्त पहलुओं पर ध्यान नहीं
दिया गया था।
यौन रोग: वृद्धि के कारण
सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न होने .वाले अन्य अनेक रोगों यथा निमोनिया,
टायफायड, क्षय आदि के विपरीत यौन संचरित रोगों का कारण
चिकित्सीय-सामाजिक अव्यवस्था है| इन रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या
में वृद्धि होने के अनेक कारण हैं यथा
(1) अपेक्षाकृत कम आयु में ही लोगों का यौन रूप से परिपक्व हो जाना
(2) कम आयु में ही मैथुन आरंभ कर देना
(3) अधिक से अधिक लोगों का विवाह से पूर्व यौन संबंध;
(4) मौखिक गर्भनिरोधक गोलियों के और अंतरायोनि युक्ति (आई यू डी .)
के प्रचलन के परिणामस्वरूप महिलाओं के गर्भधारण करने के भय
से मुक्ति पा लेने के परिणामस्वरूप प्रभावी भौतिक गर्भ-निरोधक
यानि कंडोम के उपयोग का कम हो जाना | इससे असुरक्षित जननांगों
पर यौन संचरित रोगों के सूक्ष्मजीवों का आक्रमण आसानी से हो जाता
है ।
रोजगार की तलाश में भटकने वाले लोग तथा अपनी आर्थिक स्थिति
को सुधारने के इच्छुक लोग अधिक से अधिक संख्या में, बड़े शहरों
की ओर आकर्षित हो रहे हैं। पर बड़े शहरों की गुमनामी की जिदंगी
उन्हें अनजान लोगों से यौन संबंध स्थापित करने के लिए बढ़ावा देती
है। इन संबंधों से यौन संचरित रोगों से ग्रसित होने के खतरे भी बढ
जाते हैं।
कुछ लोग, यथा व्यापार के सिलसिले मे अकसर ही यात्रा करने वाले
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