क्रन्तिकारी कम्पनी | KRANTIKARI COMPANY
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
29
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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रिकार्डो सेम्लर - RICARDO SEMLAR
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)लोग - मैनेजर, क्लर्क, सेल्समैन, इंजीनियय और मजदूर सभी शामिल थे। इन
बैठकों का कोई औपचारिक लीडर नहीं होता था। जिस किसी में मीटिंग बुलाने और
चर्चा का आगे बढाने की दक्षता होती, उसे ही लीडर बना दिया जाता था। इनसे
एक बड़ा फायदा हुआ। मजदूरों एक बडे ब्लैकबोर्ड पर रोजाना कितना उत्पादन हुआ
उसे लिखते, और उसकी मासिक लक्ष्यों से तुलना करते थे।
मैनेजमेंट पर प्रभाव
1985 के अंत तक सेम्को में मधूयस्तरीय मैनेजरों की चिंताएं काफी बढ़
चुकी थीं। उन्हें अपने हाथों से सत्ता खिसकती हुई महसूस हो रही थी। उन्हें लग
रहा था कि मजदूरों पर नियंत्रण खोने के बाद वो कम्पनी के लक्ष्यों को पूरा नहीं
कर पाएगे।
बाद में 40 मधयस्तरीय मैनेजरों की एक बैठक हुई जिसमें उन्होंने समस्याओं
पर खुलकर चर्चा की। कई घंटों के वार्तालाप के बाद रिकार्डा को लगा कि
20-प्रतिशत मैनेजर्स की सुधारों के प्रति सहानुभूति थी, जबकि 20-प्रतिशत मैनेजर्स
सुधारों से बेहद खफा थे। जो बाकी बचे थे, उन्हीं मैनेजर्स के व्यवहार पर सेम्को
का भविष्य अश्रित था।
सुधार के अगले चरण में नीति और प्रणालियों के नियमावलियों को हटा
दिया गया। इससे कुछ लोग भयभीत हए परन्तु इससे कम्पनी खर्च में काफी कटोती
कर पाई।
बांटों और फलो-फलो
जैसे-जैसे सेम्को प्रगति पथ पर आगे बढी वेसे-वेसे बडी संस्थाएं जिन
समस्याओं से जूझती हैं वे उसके सामने भी आ खडी हुयीं। दुनिया की तमाम
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