राजा की पसंद | RAJA KI PASAND -INDIAN FOLKTALE

RAJA KI PASAND -INDIAN FOLKTALE by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaशिव कुमार - SHIV KUMAR

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शिव कुमार - SHIV KUMAR

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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का ा.. उराबन कक आला 5. काया नाणा खा. 5 . -> का नतनाओी-+ जीन नननमनमकमकमकनता 7 जज -ज+5 के + । आन अगली सुबह शेर अपने दरबारियों के साथ ऊँट का शिकार करने चल पड़ा. जल्दी ही वह सब जंगल की सीमा तक पहुँच गए. आगे विशाल रेगिस्तान था. तीनों रेत पर चलते हुए आगे बढ़ने लगे. जैसे ही वह सब रेगिस्तान के अंदर पहुंचे, धूप तेज़ होने लगी. सूरज आग बरसाने लगा था. गर्म रेत पर सच अब कठिन हो रहा था.




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