सब पड़ें , कोई बच्चा नही छूटे | SAB PADHEN, KOI BACHCHA NAHIN CHOOTE

SAB PADHEN, KOI BACHCHA  NAHIN CHOOTE by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaजूडिथ और केविन - JUDITH AND KEVIN

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अब कइ महीने बीत चुके हैं स्कूल में “किताब पढ़ो” अभियान को चलते. मिस मलारके मुझे लगातार किताबें देती हैं, पर मुझे वो अच्छी ही नहीं लगर्ती. हमारी क्लास अभी तक कुल मिलाकर 275 किताबें पढ़ चुकी है. हमारा स्कूल कुल मिलकर 869 किताबें पढ़ चुका है. पर जेम्स, अद्विन और मैंने अभी तक एक भी पुस्तक नहीं पढ़ी है. किताबों के मुकाबले, विडियो गेम्स कहीं ज़्यादा मजेदार हैं. मुझे पढ़ना आता हैं. किताबों में कॉन सी बडी बात भरी है?




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