हियावाथा का गीत | THE SONG OF HIAWATHA

THE SONG OF HIAWATHA by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविदूषक -VIDUSHAKहेनरी डब्ल्यू० लोंगफेलो - HENARY W. LONGFELLOW

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हेनरी डब्ल्यू० लोंगफेलो - HENARY W. LONGFELLOW

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गर्मी में शाम के समय, नन्‍हा हियावाथा दरवाज़े पर बैठे, चीड़ के पेड़ों को चीरती हवा को सुनता, पानी के छपछपाने की आवाज़ सुनता, यह प्राकृतिक संगीत, अचरज से भरा होता, “मिनी-वा!” चीड़ के पेड़ कहते, “मडवे-औश्का!” पानी की धार कहती. बल्ब बजे 31 कर्य अंधीर 111 # ॥7 क कं बा डे हल ड बज, 1... क्ाः5 है +प्‌ “व हि. | न 1 है ू ड़ $ त॥ हे ४ कहे ४ प्रशडडक ४. 2310, 7 हा (ता कै” पड व कत , +बोर। कहर ७ | छः | व | || | जज. अन्पूबल सम माह खल्क 228५0 ४12५० 9५८८ जे और ((₹ल्‍ 227299000 ०.1] की || 1 जाय ् क २४०५ >र -लिन्‍्नह कर - स्व कबननके २: के 2, ४ # & - कक: 1० ककउलंडीकामिके 0 कप ० 4 2नफडडमे ऋण[- ..1 0 1 21 रह] की-+ंनकक..... ड़ 1 8 [कि बहस 4 हा जफ कह ७, ४:१७॥ काश ६ # हक] [1 ##६. 11 «न ए्॥॥॥॥|॥ (धागा! ही]




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