जार्ज वाशिंगटन कार्वर | GEORGE WASHINGTON CARVER

Book Image : जार्ज वाशिंगटन कार्वर  - GEORGE WASHINGTON CARVER

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“देखो में इसे खाकर मरा नहीं,” उन्होंने कहा | टमाटर के गुणों से 'स्कर्वी' जैसी बीमारी को रोका जा सकता है। वह लोगों को अपने स्कूल के फार्म पर लाए जहां आलू, टमाटर, पत्ता गोभी, तरबूज और अन्य सब्जियों की कतारें लगी थीं। सब्जियों को उगाने से मिट्टी भी और उपजाऊ होती है। लोग स्कूल में अपने परिवारों के साथ आते | वहां सब्जियों के नये-नये व्यंजन खाते और फिर अपने खेतों में जाकर उन्हें उगाते। वह लोगों को फल-जंगली सेब, नाशपाती, रसभरी आदि खाने की सलाह देते। उन्होंने लोगों को अचार बनाने और सब्जियों को सुखा कर रखने की तरकीब बताई | इस प्रकार उन्हें पूरे साल भोजन मिल सकता था। सूर्य की रोशनी, चीज़ें सुखाने का सबसे अच्छा साधन है। सूरज की रोशनी सब जगह मुफ्त में उपलब्ध है। कार्वर किसी चीज़ को फेंकने के खिलाफ थे | अगर हम सोचें तो हर कचरे को करिश्मे में बदल सकते हैं | सुअर की चर्बी को लोग फंक देते थे, परंतु उसका साबुन बनाया जा सकता था। शकरकंदी से मांड बनाना उन्होंने लोगों को सिखाया | वह लोगों से दरवाज़ों के पास फूल लगाने को कहते जिससे कि उनकी स्यथाह ज़िंदगी में कुछ रंगत आए। धीरे-धीरे लोगों ने बहुत सी नई बातें सीखीं-सफाई , पुताई, दरी बुनना, पौष्टिक आहार आदि। धीरे-धीरे जागृति की नई लहर फैलने लगी। घर अब ज़्यादा साफ-सुथरे दिखने लगे | लोगों के चेहरे पर एक नई उमंग छा गई | ऐसा लगने लगा जैसे ज़िंदगी जीने का कुछ मतलब हो। कार्वर की शोहरत चारों ओर फैली | रूस, चीन, जापान, भारत और अफ्रीका तक से लोग उनकी संस्था का काम देखने के लिए आने लगे। 26 मूंगफली से प्रोटीन की कमी पूरी होगी। एक मुट्ठी मूंगफली खाने से शरीर की अच्छी सेहत बनेगी | कार्वर ने लोगों को मूंगफली उगाने और खाने के लिए प्रोत्साहित किया। क्‍ परंतु मूंगफली को खायेगा कौन? मूंगफली तो केवल सुअरों को खिलाई जाती थी! कार्वर ने अपने छात्रों की सहायता से स्कूल में मूंगफली बोयी। उस समय कपास को एक प्रकार की बीमारी लग गई | सारे खेत बरबाद हो गए | कार्वर ने किसानों को कपास के पौधे जला कर मूंगफली लगाने की सलाह दी । मूंगफली सबसे सस्ती फसल थी। उनको उगाने से मिट्टी और उपजाऊ बनेगी और किसान भी मालामाल होंगे। पर लोग मूंगफली को अपनाने को जल्‍दी तैयार न हुए। फिर कार्वर ने एक दिन पूरा खाना ही मूंगफलियों को आधार बनाकर बनाया | सूप, चिकन, ब्रेड, सलाद और आईस-क्रीम सभी मूंगफली की! मेहमान यह स्वादिष्ट खाना खाकर चकित रह गए | कार्वर की जीत हुई | लोगों ने मूंगफली लगाना शुरू की। धीरे- धोरे मूंगफली की पैदावार इतनी अधिक हो गई कि लोगों को समझ नहीं आया कि वह क्या करें| मूंगफली के भरे गोदामों का क्या होगा? फिर कार्वर दिन-रात अपनी प्रयोगशाला में काम करते रहे और उन्होंने मूंपफली से कई- नई चीज़ें बनायीं जैसे पीनट-बटर, मूंगफली का दूध, साबुन और कास्मेटिक्स भी। अथक शोध के बाद उन्होंने मूंगफली से कैंडी, स्याही , शू-पालिश और शेविंग क्रीम भी बनाई | छिलकों से खाद, बोर्ड और कृत्रिम संगमरमर भी बनाया । उनके विचारों से उद्योग जगत में क्रांति आई। अब जंगलों के पेड़ों को काटने की बजाए लकड़ी के तख्तों को कृषि के कचरे से 29




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