ग्रामीण शाला की डायरी | GRAMEEN SHALA KEE DIARY

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जूलिया वेबर गॉर्डन - JULIA WEBER GORDON

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पढ़ और लिख भी सकती हूँ तो वातावरण अचानक हल्का हो गया। प्रिलेंक परिवार के यहां मुझे ढेरों फूल दिए गए। इस परिवार में ग्यारह बच्चे हैं। दो अब काम करते हैं पांच पढ़ रहे हैं और चार स्कूल जाने लायक आयु के नहीं हुए हैं। परिवार की आय सीमित है क्योंकि वह मात्र चार गायों के दूध पर निर्भर है। श्रीमती प्रिलैंक कुपोषित और काम के बोझ से दबी लगती हैं। बुधबार 16 सितम्बर गस के चूहे पर चर्चा आज बेहतर रही और जल्दी ही एक कहानी बन गई | बच्चों को लिखने के लिए कुछ मिला। हम जम्बो को देख रहे हैं। वह सेब और रोटी खाता है। वह जाली पर चढ़ जाता है। वह अपना बिल बनाता है। वह हमसे डरता है। हम शोर कम करेंगे। दोपहर बाद के सत्र में एक शान्ति पसर आई। गणित कम से कम शरीर को शान्त करता है। मुझे गणित, का कालांश, दिन के आखिरी हिस्से में रखना पसन्द आता है। आज मैंने वॉरेन को जोड़ना सिखाने में मदद की। उसे पता था कि यह काम दूसरी कक्षा का था, पर उसने मेरी मदद स्वीकारी और रोया नहीं । लौटते समय मैं श्रीमती समेटिस से मिलने रुकी। श्री समेटिस की शहर में दुकान है और वे महीने में एक बार आते हैं। घर अस्त-व्यस्त था और बहुत साफ भी नहीं था। उनकी एक बड़ी बेटी है जो हाई स्कूल में पढ़ती है और बड़ी चतुर है। बाकि बच्चे भी शालीन और मज़ेदार लगे। मैं उनकी पृष्ठभूमि को ठीक से जानना चाहूंगी। घर लौटने के पहले हिल परिवार के पास भी रुकती हूँ। हम वॉरेन पर लंबी बातचीत करते हैं। वॉरेन जब शिशु शाला में जाने लगा तो उसमें संवेदनशीलता के लक्षण नज़र आने लगे थे। जब हिल परिवार ने यह खेत खरीदा और यहां आ बसे तो वॉरेन को स्कूल बदलना पड़ा, शिक्षिका के तौर-तरीके बदलने पर उसे परेशानी होने लगी। उसे जब यह लगने लगा कि वह आगे नहीं बढ़ पाएगा तो भावनात्मक रूप से इतना उद्वेलित हो गया कि आगे सीखना और कठिन बन गया। लड़कों को पता चल गया कि वह आसानी से बुरा मान जाता है। फिर क्या था, उन्होंने उसका जीना हराम कर डाला। एल्बर्ट छेड़छाड़ से इतना पेरशान नहीं होता, सो नई परिस्थितियों में आसानी से अनुकूलित हो गया | शायद श्रीमती हिल और मैं, मिलकर वॉरेन की मदद कर 7290/0/॥0५9 800 9प0॥1/ 00065 7शाा10/ ॥9 ०0 प्रा।४ 500001॥/ 1५ 00010५ 098/५.065




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