जानुज़ कोर्चार्क -बच्चों के सम्राट | BACHCHON KE SAMRAT - JANUSZ KORCZAK

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ट्रेन उनको 60-मील दूर, उत्तर-पूर्व दिशा में ले गई. उस अंतिम स्टेशन का नाम था ट्रेब्लिन्का. उस स्टेशन पर रेस्टोरेंट, होटल, हज्जाम, और बेकरी के झूठे साइन-बोर्ड लगे थे. स्टेशन पर अन्य शहरों में जाने के चिन्‍ह भी लगे थे. पर यहूदियों के लिए ट्रेब्लिन्का स्टेशन उनका अंतिम मुकाम था. वहां से वे, कहीं और नहीं जा सकते थी. वहां पर जानुज़ कोर्चार्क की, उनके अनाथ बच्चों के साथ मृत्यु हुई जानुज़ कोर्चार्क की अंतिम डायरी में लिखा है, “मैं किसी के बारे में बुरा नहीं सोचता हूँ. मैं बुरा काम, कर ही नहीं सकता हूँ. मुझे नहीं पता कि लोग बुरा कैसे




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