नये पैबंद, पुराने पैबंद | NAYE PAIBAND, PURANE PAIBAND

NAYE PAIBAND, PURANE PAIBAND by अरविन्द गुप्ता - Arvind Gupta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मियाँ,” बीवी ने धीमे से कहा, “कल शाम जब तुम अपने दोस्त से मिलने गए थे तब मुझे तुम्हारे पाजामे का ध्यान आया. “वह कितना अच्छा पति है' मैंने अपने आप से कहा, “उसके लॉटने से पहले ही में उसका पाजामा छोटा कर दूंगी.” मैंने पाजामा अलमारी से निकाला. मैंने देखा कि पाजामे के किनारे बड़े भद्दे ढंग से सिले थे. मैंने नाप कर पाजामा तीन अंगुल काटा और फिर अच्छे से सिलत्राई कर दी. फिर वापस अलमारी में रख दिया.”




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