गुलीवर की यात्रा | GULLIVER KI YATRA

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जॉनाथन स्विफ्ट -JOHNATHAN SWIFT

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| लगे. गैबी तो डर के मारे वहां से चीखता हुआ भागा. गुलीवर उस चीखते हुए आदमी को देखकर कुछ उत्सुक हुआ और फिर कुछ सेकंड बाद गैबी ने खुद को गुलीवर की हथेली पर खड़ा पाया. गुलीवर की मंशा गैबी को कोई नुक्सान पहुँचाने की नहीं थी. पर किसी को भी गुलीवर के दिल की बात पता नहीं थी. छोटे राजा अपने सेना को गुल्रीवर पर आक्रमण का आदेश देने ही वाले थे कि तभी एक सैनिक वहां दौड़ता हुआ आया. उसने छोटे राजा को बताया कि राजा बोम्बो अपने जहाजों के साथ लिलीपुट पर आक्रमण करने के लिए आगे बढ़ रहे थे. यह सुनते ही लिलीपुट के सभी निवासी गुलीवर को छोड़कर राजा बोम्बो की सेना को देखने के लिए दौड़े. उन्होंने देखा कि राजा बोम्बो के जहाज़ लिलीपुट की तरफ बढ़ रहे थे. पर वे अभी कुछ दूर थे. तभी गुलीवर उठ खड़ा हुआ और उसने लिलीपुट की तरफ बढ़ती राजा बोम्बो की ना-सेना को देखा.




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