सडाको | SADAKO

SADAKO by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaएलेअनोर -ELEANOR

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हैः ; शक ह। 1 हक $* कल 1६ है ; हे | बल, २ अं रा आखिर, रेस का दिन आ पहचा. बच्चों के माँ-बाप, रिश्तेदार और मित्र खेलों को देखने सकल में जमा हए. सेंडाको कछ घबराई हई थी. उसे डर लगा कि कहीं दौड़ के समय उसके पैर ही न उठें “तम फिक्र मत करो,” मिसेज ससाकी के कहा. “मैदान में पहँचते ही तम एकदम फर्राटे से दौड़ोगी!” फिर दौड़ शरू होने की घंटी बजी. सडाको का परा ध्यान रेस पर ही केन्द्रित था. रिले-रेस में जब उसकी बारी आई तो सडाको अपनी जी-जान और प्री शक्ति से दौड़ी. रेस ख़त्म होने के बाद उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था




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