हाथी की करतूत | HAATHI KI KARTOOT POEMS

HAATHI KI KARTOOT POEMS by अरविन्द गुप्ता - Arvind Gupta

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

रमेश चन्द्र शाह - Ramesh Chandra Shah

No Information available about रमेश चन्द्र शाह - Ramesh Chandra Shah

Add Infomation AboutRamesh Chandra Shah

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
लड़की चली लड़की चली बतख सी भली बरसते रंग बिरज की गली अरे क्‍या हआ ! बता दो बुआ कहाँ वो सुआ? अरे क्या हुआ? पंख प्रसाद जैसे बहुत बुरा हो हाल बड़ी कसरती काठी है तेल पिए ज्यूँ लाठी है पता नहीं फिर भी क्यूँ लोग कहते हैं इनको डरपोक । मुँह में देखो, है पिस्तौल अगर जमा दें ये दो धौल बड़े-बड़े माँगें पानी वह तो कहो, मेहरबानी नहीं लड़ाई है ठानी। न्ग्




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now