धाकड़ चालबाज | DHAKAD CHALBAZ

DHAKAD CHALBAZ  by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaमौली -MOLLY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“मुझे भी बोरे में बांधकर नदी में फेंको,” बकरी- सरदार ने कहा. “मुझे भी कुछ गायें चाहिए.” “अल्डर, तुम यह गायें कहाँ से लाये?” फिर अल्डर ने बकरी-सरदार को बोरे में बांधकर नदी अरे,” अल्डर ने कहा, “मुझे यह गायें पानी के या फया नीचे मिलीं. वहां पर सैकड़ों ऐसी गायें थीं, पर मैं सिर्फ कुछ देर बाद बकरी सरदार चीखने-चिल्लाने लगा. दस गायें ही ला पाया.” तब अल्डर ने बकरी-सरदार के भाई से कहा, “देखो, वो गायों को बुला रहा है




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