प्लूटो -वर्ष 2 , अंक 5 | PLUTO -HINDI - YEAR 2, ISSUE 5

PLUTO -HINDI - YEAR 2, ISSUE 5 by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaसुशील शुक्ला -SUSHEEL SHUKLA

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सुशील शुक्ला -SUSHEEL SHUKLA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पा 2,3, अंक 4 वर्ष 2 अक्टूबर - नवम्बर, 2018 गाँव का नाम निक्‍्कुम है। अभी सर्दियाँ दाने बालों से अलग हो जाएँगे। गाँव में बहुत सारी चीजें हो रही हैं। चित्र में क्या-क्या बताऊँ? तुम हमारे गाँव ही आ जाओ न! हम नए आए चावलों की खीर पकाएगे। हैं। धान कट रही है। कुछ धान खलिहान में आ चुकी है। उसे बैल पैरों से रौंद रहे हैं। इससे -। न चन ऋण जय ये थे न कक न लि 55 वपकुष्ण हुक आप इहइ दूर आत 111 | ॥| ओर ही न जे हा कल दिल पा बल गत व 101 [|| >- 11 | ४1 । ्ः दड न ली बा कक “+7771“7 3 6इ व 11 की 1 “1:77 शिर: मं ॥॥ | है ॥ 1171 111 बहाव 41 8111 ड | 4 ॥ कै); ५ ज...1. /. । 11 अंक 2.1 नह हू तत है हे जी के हे | हु ही हे 1] 11111. &




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