हिमांशु श्रीवास्तव - Himanshu Srivastav
जन्म- ११ मार्च १९३४ को बिहार में सारण जिले के अंतर्गत दिधवारा अंचल का एक गाँव- हराजी।
शिक्षा- मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि।
कार्यक्षेत्र- पहली कहानी कल्पना में छपी। पाँचवें दशक के प्रारंभ से उपन्यासों का प्रकाशनारंभ। सन 1949 में प्रसिद्ध रेडियो नाटक उमर खैयाम का आकाशवाणी द्वारा राष्ट्रीय प्रसारण।
प्रकाशित कृतियाँ-
उपन्यास- लोहे के पंख, नदी फिर बह चली, भित्तिचित्र की मयूरी, मन के वन में, दो आँखों की झील, कुहासे में जलती धूपबत्ती, रिहर्सल, परागतृष्णा, शोकसभा, प्रियाद्रोही, पुरुष और महापुरुष, पूरा अधूरा पुरुष, पैदल और कुहासा, नई सुबह की धूप, इशारा, न खुदा न सनम आदि ३६ उपन्यास।
कहानी संग्रह- जेलयात्रा, हंस चुगे सीप से ज्यों मोती, कथा सुंदरी, मुखबिर होने का इरादा।
बाल साहित्य- लगभग ५० उपन्यास और कहानी संग्रह प्रकाशित।
संस्मरण- यादों के शीशे में।
अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से अलंकृत।
२६ मई १९९६ को निधन