मोहन लाल चढार - Mohan Lal Chadhar
डॉ. मोहन लाल चढार का जन्म एक जुलाई 1981 ईस्वी में मध्यप्रदेश के सागर जिले में स्थित पुरातात्विक पुरास्थल एरण में हुआ। इन्होंने डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर मध्यप्रदेश से स्नातक तथा स्नातकोत्तर की उपाधि प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में उत्तीर्ण कर दो स्वर्णपदक प्राप्त किये तथा इन्हें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर द्वारा गौर सम्मान से सम्मानित किया गया। इन्होंने भारतीय इतिहास, भारतीय संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में नेट-जेआरएफ, परीक्षा उत्तीर्ण कर सागर विश्वविद्यालय से एरण की ताम्रपाषाण संस्कृति: एक अध्ययन विषय में डाक्टर आफ फिलासफी की उपाधि प्राप्त की तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जूनियर रिसर्च फैलोशिप एवं सीनियर रिसर्च फैलोशिप प्राप्त की। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्विद्यालय, नई दिल्ली से टूरिज्म स्टडी में डिप्लोमा तथा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से कम्प्यूटर एप्लिकेशंस में पी.जी. डिप्लोमा किया है। राष्ट्रीय सेवा योजना में इन्होने बी एवं सी सर्टिफिकेट प्राप्त किये तथा हरीसिंह गौर यूनिवर्सिटी, सागर मध्यप्रदेश में अध्यापन कार्य किया है। इन्होने अनेक पुरातात्विक सर्वेक्षणों तथा उत्खननों में भाग लिया। इनकी 11 पुस्तकें व 67 शोधपत्र प्रकाशित है। 51 राष्ट्रीय व अन्र्तराष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध पत्रों का वाचन किया। इन्हे जून 2017 में प्रथम प्रों. विवेकदत्त झा संस्कृति तथा पुरातत्व सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इन्होने अनेक राष्ट्रीय संगोष्टीयों तथा राष्ट्रीय कार्यशालाओं का भी सफल आयोजन किया है तथा लगभग 15 बर्षो का शोध कार्य एवं अध्यापन का अनुभव है। डॉ. चढ़ार, वर्तमान में प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकटंक में वरिष्ट सहायक प्रोफेसर एवं कार्यवाहक विभागाध्यक्ष, योग विभाग व समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना के पद पर कार्यरत है।
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