स्वतन्त्र जैन - Swatantra Jain

परिचय पत्र
नाम | स्वतन्त्र जैन |
जन्म | 11.1 1941 |
स्थान | सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) |
पिता श्री | स्वः श्री हरीचन्द जैन स्कूल टीचर |
जीवन साथी | स्वः श्रीमति सन्तोष जैन B.A., B.Ed |
सामाजिक गतिविधियाँ |
|
परिवार |
|
भारत विभाजन के कारण जगह-जगह भटकते हुए 1964 में जालन्धर निवास किया। 21.5.1971 में श्री मति सन्तोष जैन से विवाह हुआ। घर-गृहस्थी में 43 वर्ष आनन्दपूर्वक बिताए । गुरुजनों से प्रेरित धार्मिक संस्कार वने।वेदनीय कर्मों से बिमारियों ने घेर लिया, 2008 में रैटनोपैथी सामाजिक कार्यक्रम और मेलजोल बन्द हो गया। कुछ धार्मिक पुस्तकें पढ़ने पर समय व्यतीत करने लगे कि हृदय रोग से पीड़ित हो गये, 2013 में लुधियाना में बाईपास हुआ, अभी स्वस्थ लाभ ही ले रहा था कि धर्मपत्नि अचानक 17.02. 2014 को अलविदा कह गई और बेटी अर्चना-राजेश के पास लुधियाना आ गया। बच्चों ने लैपटॉप ले दिया, जो कुछ पढ़ता हूँ उसको संक्षिप्त करने लगा। फिर गुर्दें रोग से पीड़ित सप्ताह में दो बार डायलिसस होता है, पुण्यउदय से बच्चे सेवा बहुत करते हैं, विचार किया परमात्मा का मेरे लिए कोई काम अधूरा है श्रमण भगवान महावीर का उपासक होते हुए अपनी वेदना को बुलाने के लिए अपने को व्यस्त रखने के लिए लघु पुस्तकें लिखनी आरम्भ की जिससे आज के युवा वर्ग अपने मोबाईल पर भगवान महावीर के कर्म सिद्धांत को समझ सके और मैं अपने समय का सदोपयोग कर सकूँ। इस लिए कुछ पुस्तकों को अपलोड करने के लिए आप को भेजी, जो आपने स्वीकार कर ली है, आपका अति आभारी हूँ।
धन्यवाद
स्वतन्त्र जैन जालन्धर
9855285970
86, करतार ऐवन्यु, हैबोवाल, लुधियाना
12.11.2020