रामेश्वर पाटीदार - Rameshvar Patidar
श्री रामेश्वर पाटीदार जी का जन्म दिनांक १९/जुलाई/१९८६ को हुआ। इन्होंने कृषि कार्यों में व्यस्त रहते हुए हाईस्कूल तक शिक्षा ग्रहण की और रजूर ग्राम के जय जय सियाराम रामायण मंडल में श्री रामचरित मानस का श्रवण/गायन/पाठन करते हुए ईश्वरीय प्रेरणा प्राप्त होने से १८ वर्ष की आयु में दिनांक ०४/जनवरी/२००४ से श्रीकृष्ण चरित मानस आनंदसागर की रचना करना प्रारंभ किया । लगभग २.१/२, वर्ष के निरंतर , अथक लगन और ईश्वरीय वरदान के फलस्वरूप दिनांक २६/जुलाई/२००६ को रचना पूर्ण हुई , तथा इसका प्रथम संस्करण स्वयं ने ही अपने स्व. पितामह के नाम से "सदाशिव प्रकाशन" से प्रकाशित की जो अत्यधिक लोकप्रिय हुआ ।
इस महाकाव्य में कवि ने श्रीमद्भागवत पुराण , गर्ग संहिता , ब्रह्मवैवर्त पुराण और सूर साहित्य के अलावा अन्य कई ग्रंथों से कथानक लेकर लगभग १३५०० छंदों की रचना की है , जिनमें दोहे , चौपाईयां , हरिगीतिका , कवित्त , सवैया , सोरठा, आदि छंद शामिल हैं , काव्य रचना की भाषा अवधी है तथा हिन्दी अनुवाद सहित प्रकाशित किया गया है ।
वर्तमान में इसके द्वितीय संस्करण के लिए अग्रिम पंजिकरण की प्रक्रिया प्रगति पर है ।
श्री रामेश्वर पाटीदार जी आत्मज स्व . श्री लखन लाल जी पाटीदार (स्व.दिनांक १३/सितंबर/२०१८) ग्राम रजूर , पोस्ट सिनगुन , जिला - पश्चिम निमाड़ (खरगोन) मध्य प्रदेश के एक साधारण कृषक हैं ।
इनकी माताश्री श्रीमती झनुकाबाई पाटीदार जी हैं । इनके पितामह स्व. श्री सदाशिव पाटीदार जी (चौधरी) (स्वर्गवास दिनांक ०९/दिसंबर/२०००) , इनके मातामह स्व. श्री सीताराम जी पाटीदार (स्व. दिनांक ०५/नवंबर/२००९ ) एवं मातामही स्व. श्रीमती सलिताबाई पाटीदार (स्व. दिनांक २४/अप्रैल/२००३) हैं ।
(प्रचार सहायक - अशोक चौरे , भोपाल मध्यप्रदेश ।
संपर्क - ७०६७१७४५७१)