शिक्षा - सिध्दान्त | Shiksha Siddhant

Shiksha Siddhant by टी. रेमंट : T. Raimnatदेवनारायण मुकर्जी : Devnarayan Mukarji

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टी. रेमंट : T. Raimnat

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देवनारायण मुकर्जी : Devnarayan Mukarji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्राथना ओइम्‌ सष्द नावघतु सह नो भुनक सह वीय॑ करवावहे तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषाव् 1 न कृष्ण यजुवेद शिष्य झोर झ्याचा्य मिलकर प्राथना कर रहे हैं- [ परम ब्रह्म ] हम दोनों का एक साथ पालन करें । [ परम ब्रह्म ] हम दोनों को समभाव से [ विद्याफल ] भोग करादें । [ जिससे क्रि ] इस दोनों एक साथ वीय लाभ करें 1 [ और समान रूपसे ] तेजस्वी हों [ और ] इमारा अध्ययन पूर्ण हो । [ और किसी कारण ] हम दोनों में विद्वष न हो । झ्रो३म शांतिः शांतिः शांतिः




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