राज - निवेश एवं राजसी कलायें | Raj - Nivesh evm Rajsi Kalayen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.11 MB
कुल पष्ठ :
543
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. द्विजेन्द्रनाथ शुक्ल - Dr. Dvijendranath Shukla
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)९. रूप-प्रहरण-संयोगादि-लक्षण प्रतिमा-दोष-गुण-निरूपण ऋज्वागतादि-स्थानक मुद्रांएं बैष्णवादि-दरीर मुंद्राएं पताकादि ६४ संयुत- भसयुत-नृत्य मद्राएं-- ६ श७ श्६. 5 दल द्श्. धर प्रतिमा-लक्षण देवादिरूप-प्रहरण-संयोग-लक्षण पंच-पुरूष-स्त्री-लक्षण ः दोष-गुण-निरूपण-लक्षण ऋज्वागतादि-स्थान-नक्षण बैष्णवादि-स्थानक-लक्षण पताकादि-चतुष्य व्टि-हस्त-लक्षण तृतीय खण्ड--मूल चतुर्थ-खण्ड---वास्तु-शिल्प-चित्र-पदावली श्रतिमा-मुद्रा दशन्दो ंदग-दहे है. रनहै दे ४-८४ ह६-१०४ रै० ५-०७ है ०८०१२ ३
User Reviews
No Reviews | Add Yours...