भारतीय मुक्ति कला | Bhartiya Murti Kala

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Bhartiya Murti Kala by कृष्णदास - Krishandas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सारतीय मूर्ति-कला पहला 'झध्याय परिभाषा है १, भारत में, जिसके श्रधिकांश निवासी मूर्ति-पूजक हैं, यह बताने की विशेष श्रावश्यकता नहीं कि सूर्ति क्‍या है । सेना, 'चाँदी, ताँबा, काँसा, पीतल, श्रष्टाठु श्रादि सभी माकृतिक तथा कृत्रिम घाठु, पारे के मिश्रण, रत्न, उपरत्न, काँच; कड़े श्रीर मुलायम पत्थर, मसाले, कच्ची वा. पकाई मिट्टी, मोम, लाख, गंघक, हाथीदात, शंख, सीप, श्रस्थि, -सींग, लकड़ी एवं कागद के कुट




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