अयोध्या का इतिहास | Ayodhya Ka Itihas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अयोध्या का इतिहास इस पहिला अध्याय । अयोध्या की महिमा । 'अयोध्या जिसे श्रवध और साकेत भी कहते हैं ्रत्यन्त प्राचीन नगर है। यह पहिले उत्तरकोशल की राजधानी थी जिसमें “सुख समृद्धि के साथ हिन्दू लोग जिस वस्तु की श्राकांसा करते या जिसका श्वादर सम्मान करते हैं वह सब प्राप्र हो चुका था जैसा कि अब मिलना श्सम्भव है 'और जो उस तेजधारी राजवंश का निवास-स्थान था जो सूयंदेव से उत्पन्न हुआ शऔर जिसमें ६० निर्दोष शासकों के पीछे मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र का अवतार हुआ । इस बीर का ऐतिहासिक समालाचना पीछे से मनुष्य की कल्पना का सर्वोत्तम निसग सिद्ध करे या अद्धऐति- हासिक स्थान दे, इस पर विचार करना व्यथे है। इतिहास का उस प्रभाव से सम्बन्ध है जा इनके चरित्र का इस बड़ी झायंजाति के सामाजिक श्र धार्मिक विश्वास पर है आर इतिहास यह भी दखता है कि इनकी जन्म-भूमि की यात्रा की बड़ी श्रद्धा और भक्ति से यात्रियों की ऐसी भीड़ श्आाती है, जैसे किसी दूसरे तीथ में नहीं ।'”* अयोध्या का नाम सात तीथों' में सब से पहले श्याया है:-- ! श्रयोध्या मथुरा माया काशी काशी हावन्तिका ! पुरी ड्वारावती चैब सप्तैता मोक्षदायिकाः ॥ * (पता (86 €हा'. 1एतेफ्टीएा, एकटूड उदशप




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