लबड घोंघों | Labad Ghonghon
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.4 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पुराने हाफ्मि साहब का नया नौकर १७
हा
नौकर--( सौटकर ) जी ! देख श्ाया |
हाकिम--कॉन है
नौकर--एक श्रादमी ।
हाकिंम-- सेमलाकर ) जाकर पृ, कौन है; कहाँ का है,
क्या नाम है, कया चाहता हे--
नोकर---( उंगलियों पर गिनता हुमा जाप-ही-आप ) यानी इतनी
बाते पूछुनी है--एक--कौन है; दूसरी--कहोँ का दे ;
तीसरी--क्या नाम है ; चौथी--क्या चाहता हैं । देखिए,
ही
याद रह जायें तभी हैं । (गया )
हाकिम--धीरे-घीरे सब काम समभक लेगा: अभी नया
बॉगड हैं ।
नौंकर--( लॉटकर श्याप-ही-ग्राप ) आखिर वहीं हुआ न;
जिसका मुफे डर था ! ( हाकिम से ) हजूर, उन सब सवालों का
जवाब तो मुभे याद नहीं रहा; पर हाँ, आपसे मिलना चाहता
है, यह वात पक्की समभिए--भूठी हो तो एक-एक चवनी
शर्ते--
हाक्मि--( कोथ से ) कैसे कपड़े पहने है ?
नौकर--मजे के हैं : हो, बुरे नही, हजूर के कपड़ों से
अच्छे हैं ।
हाकिम--( श्राप-ही-ब्राप ) बजीव गधा हैं । ( नौवर से ) श्र
हम जो तुमसे कह चुके है कि जरूरत से ज़ियादा न वोला कर?
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